*प्यार की बातें....*
प्यार अभिसिंचित सुखद संसार की बातें
व्याप्त मधुवन में मृदुल मनुहार की बातें।
जीतना है जीतेंगे हम स्वयं को भी हार
हार-जीतों से पृथक हैं प्यार की बातें।।
भीतर से कितने खोखले अब हो गए हैं हम
रहतीं हैं जिव्हा पर सदा तकरार की बातें।
मोड़ लेते हैं नयन कर्तव्य के पथ से
याद रहतीं हैं महज अधिकार की बातें।
कह रहे हैं लोग सब कड़वी उन्हें बहुत
साथ जो सच के खड़ीं "सुकुमार" की बातें।
©️सुकुमार सुनील
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