स्वयं से प्यार करें...
छोड़ दें गुटखा, बीड़ी, पान
रखें पावन यह तन-उद्यान।
कसम खाएँ हम मिलकर आज
पकड़कर अपना उल्टा कान।।
शपथ स्वीकार करें
स्वयं से प्यार करें।
हमीं से जगत, राष्ट्र है गाँव
हमीं परिवार-नदी में नाँव।
हमीं से चलता घर-संसार
हमीं हैं अपने घर के पाँव।।
राह शुभ पार करें
स्वयं से प्यार करें।
मीत खाकर होते बीमार
मौत के ही हैं ये आधार।
ये देते हमको नाना रोग
बुरे हैं मद्यपान सब यार।।
सदा प्रतिकार करें
स्वयं से प्यार करें।
हुआ करतीं ये आदत महज
बाद में हो जातीं निज गरज।
शौक से बन जातीं हैं शोक
छोड़ना पाकर इन्हें न सहज।।
पूर्व सुविचार करें
स्वयं से प्यार करें ।
करें दूषित,तन-मन पावन
व्यर्थ कर देतीं उर-आँगन।
व्यसन सब घाटे का सौदा
नष्ट होते धन-बल-जीवन।।
त्याग उपकार करें
स्वयं से प्यार करें ।
घटाते ये यश-वैभव-मान
शीघ्र पहुँचाते हैं श्मशान।
खोलकर सुनिए अंतस-कान
डालते हैं संकट में प्रान।।
चलो उद्धार करें
स्वयं से प्यार करें ।
©️ सुकुमार सुनील
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